तर्ज़:- हुस्न पहाड़ों का
फ़िल्म:- राम तेरी गंगा मैली हो गई
*शबरी भजन*
राम की दिवानी है-----राम की दिवानी है
के सबरी भई रे बाबरी,यही अमर कहानी है-2
कबहु तो आएँगे,-----कबहु तो आएँगे
अँगना बिछा के पलकें,हम राह निहारेंगे,-2
(1)राम लखन जब कुटिया में आये
शबरी मगन मन अति हर्षाये
मीठे मीठे चख चख बेर खिलाये-2
रुचि रुचि हरि खाये
राम जी की महिमा है,लक्ष्मण जी सकुचाये-2
(2) राम सदा सन्तन हितकारी
शबरी तारी अहिल्लिया तारी
राम के चरनन की बलिहारी-2
अबध बिहारी है
के दसरथ जी के ललना,बड़े आज्ञाकारी है-2
(3)भवसागर का गहरा पानी
राम भजन करले रे प्राणी
"पदम्"यूं कह गए ज्ञानी ध्यानी
रुत आनी जानी है
माया में मन भटका,चार दिन जिंदगानी है-2
राम की दिवानी है
के शबरी भई रे बाबरी,यही अमर कहानी है
//इति//
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