Wednesday, December 22, 2021

Ram ki diwani he,ke shabri

   तर्ज़:- हुस्न पहाड़ों का

  फ़िल्म:- राम तेरी गंगा मैली हो गई

                             *शबरी भजन*


     राम की दिवानी है-----राम की दिवानी है

    के सबरी भई रे बाबरी,यही अमर कहानी है-2

    कबहु तो आएँगे,-----कबहु तो आएँगे

   अँगना बिछा के पलकें,हम राह निहारेंगे,-2

(1)राम लखन जब कुटिया में आये

    शबरी मगन मन अति हर्षाये

    मीठे मीठे चख चख बेर खिलाये-2

    रुचि रुचि हरि खाये

    राम जी की महिमा है,लक्ष्मण जी सकुचाये-2

(2) राम सदा सन्तन हितकारी

     शबरी तारी अहिल्लिया तारी

    राम के चरनन की बलिहारी-2

    अबध बिहारी है

    के दसरथ जी के ललना,बड़े आज्ञाकारी है-2

(3)भवसागर का गहरा पानी

    राम भजन करले रे प्राणी

  "पदम्"यूं कह गए ज्ञानी ध्यानी

   रुत आनी जानी है

   माया में मन भटका,चार दिन जिंदगानी है-2

    राम की दिवानी है

   के शबरी भई रे बाबरी,यही अमर कहानी है

                         //इति//


   

  


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