सलकन पुर की मैया,तुम सो कोई नैया
(1)सलकनपुर को नाम बड़ो है,
ऊंचे पर्वत भुवन बनो है,
पीपल की ठंडी छाया ।।तुम सो कोई नैया ।।
(2) गणपति को द्वारे बेठारों,
शिव शंकर करे ध्यान तुम्हारो
गौरा लेत बलैया ।।तुम सो कोई नैया ।।
(3)हनुमत लाल ध्वजा फहराये
भैरों भैरवी नाचे गाये,
खेलत छील बिलैया ।।तुम सो कोई नया ।।
(4)मैया सबकी झोली भरती,
मन की आशा पूरी करती,
'पदम्' ,पड़े तोरे पैया ।।तुम सो कोई नैया ।।
// इति //