तर्ज़:-होरी खेले रघुवीरा,अवध में होरी खेले रघुवीरा
// मसाना की होली //
होली खेले ओघडिया, मशाना में ।
होली खेले ओघड़िया ।।
(1) हिल मिल आवे भूत, खब्बीसा- 2
बाजे ढोल नगड़िया ।। मशाना में ।।
(2) प्रेत ,पिसाच , चुड़ेलन नाचे-2
ना देखे चौघड़िया।।मशाना में होली।।
(3) गंगा से जल भर कर लाए -2
नाचन लगे काबड़िया ।। मशाना में होली ।।
(4) गौरा ने भंगिया नहीं घोंटी -2
फेक दिए सिल्ला लुड़िया।। मशाना में होली ।।
(5) " पदम "वह अंग भवूत लपेटे, -2
मरघट की राखुड़िया ।। मशाना में होली ।।
होली खेले ओघड़िया ।। मशाना में होली ।।
!! इति !!