Thursday, November 28, 2024

Kashi ke kal Bhairav nath

        तर्ज :-हुरिया में उड़े रे गुलाल

      काशी के काल भैरव नाथ 

      तुम्हारी जय जय हो।।

     
     अगहन वदी की अष्टमी प्यारी
     काल भैरव शिव के अवतारी
     ब्रम्हा जोड़े दोई हाथ ।।काशी ।।

     काशी के तुम द्वारपाल हो
     मरघट वाशी काल कपाल हो
     कृपा की करें बरसात ।।काशी ।।

     आठ रूप भैरव कहलाते
     स्वान को अपने संग बिठाते
   "पदम" को मिले आशीर्वाद ।।काशी ।।
                        // इति//

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Friday, September 13, 2024

Khatu nagariya Jana,mujhe shyam ne bulaya

     तर्ज:-  छाप तिलक सब छीनी रे,






       खाटू नगरिया जाना रे

       मोहे श्याम ने बुलाया

       श्याम का में दीवाना

       मुझे श्याम ने बुलाया

  (1) श्याम मिलन की अपार खुशी है

        कार्तिक सुदी तिथि एकादशी है :- 2

       श्याम जन्म दिन मनाना ।। मुझे श्याम ।।

 (2)श्याम का नाम जपूं दिन रेना,

      मन मेरा नाचे श्याम के अंगना :- 2 श्याम 

      श्याम के रंग रंग जाना ।। मुझे श्याम ।।

(3) श्याम शरण में बली बली जाऊं ,

      कीर्तन करूं भजन नित गाउं :- 2

      श्याम चरण रज पाना ।।मुझे श्याम ।।

 (4) कांटों में ही फूल खिले है,

      जीवन में दिन चार मिले है:- 2

      "पदम"श्याम गुण गाना ।।श्रीमुझे श्याम ।।

       खाटू नगरिया जाना रे ,

       मुझे श्याम ने बुलाया ।।

                      ।।  इति ।।

     


    

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Shri shyam suno,shri shyam suno

      तर्ज:-  ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम

    दोहा:- ब्रह्माण्ड के सारे देवों में

             एक देव निराला देखा है

             किस्मत के लेख मिटा देता

             ऐसा खाटू बाला देखा है


   श्री श्याम सुनो,मेरे श्याम सुनो

   ओ कलियुग के अवतार सुनो

   मुझ दीन दुखी की पुकार सुनो ।।श्री श्याम सुनो ।।

(1)  हारे के सहारे कहलाते

      कभी सपने में भी आ जाओ

      में कबसे दर दर भटक रहा

      रोते को गले लगा जाओ

      श्री कृष्ण को शीश का दान दिया

      लख दाता हो दातार सुनो ।।श्री श्याम ।।

(2) दुनिया में बहुत सहारे है

     मेरा तो सहारा तुम ही हो

     मेरी नैया पतवार तुम ही 

     मेरा तो किनारा तुम ही हो

    मझधार रखो या पार करो

    यह तुम को है अधिकार सुनो ।। श्री श्याम ।।

(3) उड़ जाता लेकिन पंख नहीं 

     खाटू के दर से दूर हूं में

     दर्शन को मनवा तड़फ रहा

     केसे आऊं मजबूर हूं में

     गुण गाए "पदम"मरते दम तक

     तुम ही मेरे आधार सुनो ।। श्री श्याम ।।

                       //इति//


     





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Wednesday, September 4, 2024

Damak dam damru bole,mere shivshankar bhole

               

      तर्ज़:- अरे रे मेरी जान है राधा

                // शिव जी का भजन//

   डमक डम डमरू बाजे, भोला शमशान में नाचे ।

   देवों में बाबा का बड़ा नाम है ।।

   काशी में तुम्हारा बड़ा धाम है ।।

   देवों में है बाबा,औघड़ दानी तुम ही हो

   मुंह मांगा वर देते हो,वर दानी तुम ही हो

   उज्जैन के महाराजा हो,कैलाश निवासी हो

  भूत प्रेत के संगी हो,शमशान के बासी हो

  डमक डम डमरू बोले.................


   




  (1) तीन नेनो वाले,महादेव तुम ही हो

        दुनिया से निराले ,महादेव तुम ही हो

       देवों के महादेव,भोले भाले तुम ही हो

       मस्तक पर त्रिपुंड ,लगाने वाले तुम ही हो

       डमक डम डमरू बोले ....................

    (2) शिव है आदि और अनादि ,शिव ही अंत है

         कोई न जाने शिव की महिमा,बड़ी अनंत है

         शिव जोगी है शिव योगी है ,कालों का है काल 

         शिव है काल भैरव बाबा,शिव है महाकाल 

         डमक डम डमरू बोले...................

    (3) पार्वती के पति जति, भरतार तुम ही हो

         ओम हो ओंकार हो,साकार तुम ही हो

         भक्ति और मुक्ति के, आधार तुम ही हो

        "पदम"की डोले नैया के, पतवार तुम ही हो

             डमक डम डमरू बोले....................                                         //इति//


 

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Tuesday, August 27, 2024

Aayo aayo re har talika tyohar ,shiv shankar ke bhajan karlo

                     तर्ज़ :- लोक गीत

             //  हरतालिका तीज का भजन //

      आयो आयो रे हरतालीका त्योहार ।

      शिव शंकर के भजन करलो ।।

      शिव गौरा की पूजन करलो।।

                 (1)


 (1) भादों माह सुदी पखवारा,तिथि है तीजा आई।              माता बहनें बहू बेटियां,ज्योत अखंड जलाई
      लायो लाओ रे , ब्रत निराहार।।शिव शंकर के।।

 (2) पार्वती ने व्रत किया था,शिव शंकर को पाऊं 
      पार्वती की मनो कामना,शिव से व्याह रचाऊं 
     पायो पायो रे ,भोला सो भरतार।।शिव शंकर के ।।

 (3)क्वारी कन्या व्रत रखे तो मन चाहा वर पाए
     व्रत रखे जब कोई सुहागिन,सदा सुहागिन जाए
   करलो करलो रे ,भरोसा, एक बार ।।शिव शंकर के।।

(4)शिव शंकर है भोले भाले, दानी है वरदानी
    सबकी झोली भर देते है, कह गए "पदम"यह ज्ञानी
   मेरा तेरे ही भरोसे परिवार।।शिव शंकर के भजन।।
                       // इति//
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Saturday, August 24, 2024

O damru bale,tere damru ki dam dam

       तर्ज़ :- ओ बाबुल प्यारे,रोए पायल की छमछम

       फिल्म:- जोनी मेरा नाम





             // शिव जी का भजन,//

       ओ डमरू वाले ।।हो.........

       हो आगड बम बागड़ बम

       हो तेरे डमरू की डम डम

       हो डोले धरती और गगन ।।हो डमरू वाले ।।

           हो शिव का नाम जपे हरदम

           हो तेरी शरण में आए हम

            हो कोटि कोटि तुम्हे नमन ।। हो डमरू वाले ।।

                          ,(1)

          फागुन वदी चौदस तिथि आई

         आई है मंगल बेला

         चली शिव जी की बारात

         ब्रम्हा विष्णु भी है साथ

         हुआ शिव और गौरा मिलन ।। हो डमरू ।।

                             (2)

         शिव जी ने गौरा से भांगिया घुटाईं 

         छाले पड़े हाथों में

         गौरा बोली भोले नाथ

         में न छोडूं शिव का साथ

         इन्हीं चरणों में जीवन मरण ।। हो डमरू ।।

                            (3)

          अंग भबूत बगल मृगछाला 

          फिरते अलख जगाते 

          शिव जी कालों के है काल

          शिव है उज्जैन में महाकाल

          लो "पदम"गाओ शिव के भजन ।। हो डमरू ।। 

                                   //इति//

            


     

    

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Tuesday, August 13, 2024

Chal chal chal re kabadiya

        

       तर्ज़:- सावन की बरसे बदरिया


                   //  काबड़िया भजन //

    चल चल चल रे काबड़िया 

    भोले शिव की दुअरिया ।।

(1) गंगा से जल भर कर लाना

    गंगा जल शिव जी को चढ़ाना

   बहुत कठिन है डगरिया।। भोले शिव ।।

 (2) श्रावण मास में  शिव का वंदन 

     पार्थिव शिव की करलो पूजन

     पल पल बीते उमरिया ।। भोले शिव ।।

(3) कालों के है काल महाशिव

     उज्जैन में महाकाल महाशिव

    "पदम" की लेलो खबरिया ।।भोले शिव।।

                     // इति //

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Saturday, August 3, 2024

Ma dasham din chali,hamse hokar vida

तर्ज़:- निर्बल के प्राण पुकार रहे,जगदीश हरे जगदीश हरे

            //माता रानी का विदाई भजन//

       

   मां दशम दिन चली, हमसे होकर विदा ।
  लो चली मां चली, अब न रोको रास्ता ।।
(1)द्वार मां का सजा, मां की ज्योति जली 
     मां ने संकट हरे,सबकी झोली भरी
     छोड़ जायेगी मां ,यह था सबको पता ।।
(2) मां की भक्ति मिली, मां के जगरात में
     हर बर्ष आना मां, हर एक नवरात्र में 
    कोन है मां के जैसा, मां इतना बता ।।
(3)माता और बेटे का नाता टूटे नहीं
    उम्र भर आपका साथ छूटे नहीं
    आप ही की शरण में,"पदम"है सदा ।।
                     //इति//

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MAIYA JI BHUVNA ME NACHE

      maiya Ji  bhuwna me nache

      तर्ज़:- नगरी नगरी द्वारे द्वारे ढूंढू रे सवारिया

                       माता रानी का भजन

   

     मैया जी भुवना में नाचे,छम छम बाजे पायलिया ।

   मौर पपीहा नाचन लागे, कुहू कुहू बोले कोयलिया।।

(1) नगरे नाचे,भैरों नाचे,नाचे चौसठ योगनिया-2

झूम झूम के हनुमत नाचे, घुट्टन नाचे लांगुरिया-2

शिव शंकर का डमरू बाजे,मन मोहन की बांसुरिया ।।

(2) मां जगदम्बे द्वार तुम्हारे,ढोल नगाड़े बाज रहे- 2

    ब्रम्हा नाचे विष्णु नाचे,संग में नारद नाच रहे - 2

   जगत नचाने बाली नाचे, ओढ़ के रेशम चुनरिया ।।

(3)आठदीप नोखंड तुम्हारी,जगमग जगमग ज्योति जले

 "पदम"ना  मांगे धन और दौलत, मां चरणों में शरण मिले

लाल निशान शिखर लहराए,आरती होवे दोई बिरियां।।

                 // इति//

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Tuesday, July 9, 2024

Me nikla jaipur se,raste me ringas ke

   तर्ज़:- में निकला गड्डी लेके,रस्ते में एक सड़क पे

   फिल्म:- ग़दर 


                   !!   खाटू श्याम भजन !!

    में निकला जयपुर से,रस्ते में रिंगस के,

    एक मोड़ आया, खाटू के दर दौड़ आया ।।

(1) बाबा का मन में ध्यान किया

     रिंगस से एक निशान लिया

    एक लाल चुनर में नरियल को

    उस निसान के उपर बांध दिया

    भक्ति में झूमा तन मन,ममता के सभी बंधन

    में तोड़ आया । बाबा के दर दौड़ आया ।।

(2) आगे फिर तोरण द्वार मिला

     बाबा का प्यार दुलार मिला

    जहां ढोल नगाड़े बाज रहे

    बाबा के प्रेमी नाच रहे

   हुआ सच्चा मेरा सपना, प्रेमियों में नाम अपना

   में जोड़ आया । बाबा के दर दौड़ आया ।।


(3) राधे के नाम का तिलक लगा

      यूं समझो मेरा भाग्य जगा

      एक सुर्ख गुलाब का फूल लिया

      मेने श्याम चरण में भेंट किया

      यही दर है मेरी मंजिल,वह निशान वह नारियल

      वही छोड़ आया । बाबा के दर दौड़ आया ।।

 (4) खाटू का धाम निराला है

       वह नीले घोड़े बाला है

       यह "पदम"विपति का मारा है,

       हारे का श्याम सहारा है

       खाटू का जयकारा,ज्योति का उजियारा

       नया भौर लाया । खाटू के दर दौड़ आया ।।

                         // इति//

       


      






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