तर्ज़:- सावन की बरसे बदरिया
// काबड़िया भजन //
चल चल चल रे काबड़िया
भोले शिव की दुअरिया ।।
(1) गंगा से जल भर कर लाना
गंगा जल शिव जी को चढ़ाना
बहुत कठिन है डगरिया।। भोले शिव ।।
(2) श्रावण मास में शिव का वंदन
पार्थिव शिव की करलो पूजन
पल पल बीते उमरिया ।। भोले शिव ।।
(3) कालों के है काल महाशिव
उज्जैन में महाकाल महाशिव
"पदम" की लेलो खबरिया ।।भोले शिव।।
// इति //
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