Friday, September 13, 2024

Khatu nagariya Jana,mujhe shyam ne bulaya

     तर्ज:-  छाप तिलक सब छीनी रे,






       खाटू नगरिया जाना रे

       मोहे श्याम ने बुलाया

       श्याम का में दीवाना

       मुझे श्याम ने बुलाया

  (1) श्याम मिलन की अपार खुशी है

        कार्तिक सुदी तिथि एकादशी है :- 2

       श्याम जन्म दिन मनाना ।। मुझे श्याम ।।

 (2)श्याम का नाम जपूं दिन रेना,

      मन मेरा नाचे श्याम के अंगना :- 2 श्याम 

      श्याम के रंग रंग जाना ।। मुझे श्याम ।।

(3) श्याम शरण में बली बली जाऊं ,

      कीर्तन करूं भजन नित गाउं :- 2

      श्याम चरण रज पाना ।।मुझे श्याम ।।

 (4) कांटों में ही फूल खिले है,

      जीवन में दिन चार मिले है:- 2

      "पदम"श्याम गुण गाना ।।श्रीमुझे श्याम ।।

       खाटू नगरिया जाना रे ,

       मुझे श्याम ने बुलाया ।।

                      ।।  इति ।।

     


    

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Shri shyam suno,shri shyam suno

      तर्ज:-  ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम

    दोहा:- ब्रह्माण्ड के सारे देवों में

             एक देव निराला देखा है

             किस्मत के लेख मिटा देता

             ऐसा खाटू बाला देखा है


   श्री श्याम सुनो,मेरे श्याम सुनो

   ओ कलियुग के अवतार सुनो

   मुझ दीन दुखी की पुकार सुनो ।।श्री श्याम सुनो ।।

(1)  हारे के सहारे कहलाते

      कभी सपने में भी आ जाओ

      में कबसे दर दर भटक रहा

      रोते को गले लगा जाओ

      श्री कृष्ण को शीश का दान दिया

      लख दाता हो दातार सुनो ।।श्री श्याम ।।

(2) दुनिया में बहुत सहारे है

     मेरा तो सहारा तुम ही हो

     मेरी नैया पतवार तुम ही 

     मेरा तो किनारा तुम ही हो

    मझधार रखो या पार करो

    यह तुम को है अधिकार सुनो ।। श्री श्याम ।।

(3) उड़ जाता लेकिन पंख नहीं 

     खाटू के दर से दूर हूं में

     दर्शन को मनवा तड़फ रहा

     केसे आऊं मजबूर हूं में

     गुण गाए "पदम"मरते दम तक

     तुम ही मेरे आधार सुनो ।। श्री श्याम ।।

                       //इति//


     





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Wednesday, September 4, 2024

Damak dam damru bole,mere shivshankar bhole

               

      तर्ज़:- अरे रे मेरी जान है राधा

                // शिव जी का भजन//

   डमक डम डमरू बाजे, भोला शमशान में नाचे ।

   देवों में बाबा का बड़ा नाम है ।।

   काशी में तुम्हारा बड़ा धाम है ।।

   देवों में है बाबा,औघड़ दानी तुम ही हो

   मुंह मांगा वर देते हो,वर दानी तुम ही हो

   उज्जैन के महाराजा हो,कैलाश निवासी हो

  भूत प्रेत के संगी हो,शमशान के बासी हो

  डमक डम डमरू बोले.................


   




  (1) तीन नेनो वाले,महादेव तुम ही हो

        दुनिया से निराले ,महादेव तुम ही हो

       देवों के महादेव,भोले भाले तुम ही हो

       मस्तक पर त्रिपुंड ,लगाने वाले तुम ही हो

       डमक डम डमरू बोले ....................

    (2) शिव है आदि और अनादि ,शिव ही अंत है

         कोई न जाने शिव की महिमा,बड़ी अनंत है

         शिव जोगी है शिव योगी है ,कालों का है काल 

         शिव है काल भैरव बाबा,शिव है महाकाल 

         डमक डम डमरू बोले...................

    (3) पार्वती के पति जति, भरतार तुम ही हो

         ओम हो ओंकार हो,साकार तुम ही हो

         भक्ति और मुक्ति के, आधार तुम ही हो

        "पदम"की डोले नैया के, पतवार तुम ही हो

             डमक डम डमरू बोले....................                                         //इति//


 

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