तर्ज़:- तुनक तुनक तुक तुन्ना
// शिव विवाह गीत//
तुनक तुनक तुक तुन्ना
एक बन्नी है एक बन्ना
फागुन प्लास है फूला
शिव शंभू बन गए दूला
बनीं गौरा दुलेन ।
वहीं मिले सुख चैन ।। तुनक ।।
(1) ना घोड़ा है ना हाथी
बने भूत प्रेत बाराती
श्मशान की भसम लपेटे
नंदी पे शिव जी बैठे
लगी भूतों की लेन ।
वहीं मिले सुख चैन ।। तुनक ।।
(2) बह दीनदयाल है भोले
औघड़ प्रतिपाल है भोले
कालों के काल हैं भोले
बह महाकाल हैं भोले
बैठे कबसे उज्जैन ।
वहीं मिले सुख चैन ।। तुनक ।।
(3) एक बात "पदम"की सुनना
शिव शिवम शिवम शिव जपना
शिव के चरणों में जीना
शिव के चरणों में मरना
भजो शिव को दिना रैन
वहीं मिले सुख चैन ।। तुनक। ।।
// इति //